प्रेस विज्ञप्ति 8.6.25
*नारी शिक्षा से ही उत्तम समाज का निर्माण एवं अन्धविश्वास वह पाखंडों का विनाश संभव है* – आचार्य इंदिरा जी
राष्ट्रीय आर्य निर्मात्री सभा के तत्वाधान में दो दिवसीय लघु गुरुकुल का समापन

सत्र के दूसरे दिन आचार्य इंदिरा जी ने जनपद बागपत के विभिन्न हिस्सों से आए हुए महिला सत्रार्थियों के समक्ष उन सामाजिक एवं शास्त्रीय षड्यंत्रों का भंडाफोड़ किया जिनके कारण भारत में महिला वर्ग को लंबे समय तक न केवल अशिक्षित रखा गया बल्कि आज भी निरंतर महिला वर्ग शोषित एवं पीड़ित हो रहा हैl
उन्होंने बताया कि महर्षि दयानंद सरस्वती है किस प्रकार न केवल नारी जाति की शिक्षा के लिए वकालत की बल्कि नारी सशक्तिकरण के लिए अनेक उपाय किए जिसमें विधवा विवाह आरंभ करने और बाल विवाह रोकने जैसे कार्य मुख्य रूप से थे ऋषि दयानंद ने वेदों मैं नारी की स्थिति को स्पष्ट करते हुए कहा कि जिस वर्ग में नारी का सत्कार किया जाता है वह वर्ग उन्नति को प्राप्त होता है।

उन्होंने बताया कि नारी का शिक्षित होना न केवल एक आधार अथवा पीढ़ी बल्कि कई पीढ़ियों तक लाभान्वित करता है।
आज समाज का युवा संस्कार विहीन होकर निरंतर व्यसनों के गर्त में गिर रहा है जिस कारण समाज निरंतर दुर्दशा को प्राप्त हो रहा है।
इस दो दिवसीय लघु गुरुकुल में जनपद बागपत के विभिन्न भागों से आयी हुई महिला प्रशिक्षुओं ने प्रतिभाग किया एवं उन विषयों को जाना जिन्हें जानकर परिवार समाज एवं संतान के लिए एक उत्तम भविष्य का निर्माण किया जाना संभव हो सके।
इस अवसर पर विशेष रूप से आर्या परिषद उत्तर प्रदेश की अध्यक्ष आर्या पूनम जी ने मेरठ से आकर समापन कार्यक्रम की शोभा बढ़ायी ।
इस अवसर पर आर्या शालिनी ,आर्या मीनू कपिल वैदिक, आर्या कविता टटीरी, आर्या संतरेश टटीरी , आर्या पूजा , आर्या पलक , आर्या श्री मानव आदि आर्या कार्यकर्ताओं ने दो दिनों तक सभी व्यवस्था को संभाला ।