गुरुकुल इंटरनेशनल स्कूल में संस्थापक आर्य रत्न प्रो. बलजीत सिंह आर्य की 89वीं जयंती श्रद्धा, आदर एवं प्रेरणा के साथ संपन्न
लोकवाणी बागपत ||
गुरुकुल इंटरनेशनल स्कूल, जिवाना में आज संस्थापक शिक्षाविद, समाजसेवी एवं युगद्रष्टा आर्य रत्न स्वर्गीय प्रो. बलजीत सिंह आर्य जी की 89वीं जयंती पर एक भव्य एवं भावपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम का शुभारंभ वैदिक यज्ञ से हुआ, जिसे ब्रह्मा श्री सुनील पवार जी ने वैदिक विधियों से पूर्ण कराया। यज्ञ में विद्यालय परिवार, क्षेत्रीय नागरिकों, छात्राओं एवं गणमान्य अतिथियों ने आहुति अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रो. आर्य जी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए उनके उत्कृष्ट शैक्षिक, सामाजिक एवं नैतिक योगदान को भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई।
वक्ताओं ने अपने उद्बोधनों में प्रो. आर्य जी के जीवन-दर्शन, शैक्षिक नवाचार, समाज के प्रति उनकी सेवा भावना और भविष्यदृष्टि को स्मरण करते हुए उन्हें एक महान विचारक, प्रेरक शिक्षक और जनसेवी के रूप में नमन किया।
इस अवसर पर डॉ. अनिल आर्य एवं डॉ. सुनील आर्य ने भावुक स्वर में अपने पूज्य पिताश्री के आदर्शों को जीवन में उतारने और उनके अधूरे कार्यों को पूर्ण करने का संकल्प लिया।
विद्यालय की शिक्षिकाओं, छात्राओं एवं प्रबंध समिति ने भी इस पावन आयोजन में सहभागी बनकर यज्ञ में आहुति दी और उनके विचारों को आत्मसात करने का संकल्प लिया।

राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय महासचिव श्री सुखबीर संगठन ने कहा कि प्रो. बलजीत सिंह आर्य न केवल एक शिक्षक थे, बल्कि समाज निर्माण के एक स्तंभ थे, जिन्होंने शिक्षा को जन-जन तक पहुंचाने का बीड़ा उठाया।
इस गरिमामय अवसर पर पूर्व विधायक वीरपाल राठी, पूर्व मंत्री ओमवीर तोमर, एडवोकेट जयवीर सिंह, सुरेश मलिक, प्रो. देवेंद्र सोलंकी, आनंद चिल्लर, धीरज उज्जवल, बसंत राणा, गुल्लू राणा (प्रधान जी) सहित क्षेत्र के अनेक प्रबुद्धजन एवं सम्माननीय नागरिक उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का समापन ‘ओ३म्’ की दिव्य ध्वनि एवं आर्य जी के सिद्धांतों को जीवन में उतारने की सामूहिक प्रतिज्ञा के साथ हुआ।